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E-way Bill: Information in Hindi – ई वे बिल

E-way Bill: Information in Hindi - ई वे बिल

ई वे बिलः कब, क्यों और कैसे बनाएं 

वे बिल के रूप में सरकार ने जीएसटी के अंतर्गत आंतरिक नियंत्रण के लिए एक और कदम बढ़ा दिया है। मेरी राय में साधारण सा दिखने वाला ये कदम पूरी जीएसटी व्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी साबित होगा व पूरी कर व्यवस्था में आमूल परिवर्तन ला देगा।

ऐसा लगता है कि सरकार की मंशा ई वे बिल के माध्यम से सभी खरीद, माल के बेचान, आवागमन को रिकॉर्ड करना है। और एक बार अगर कोई लेनदेन रिकॉर्ड हो गया तो फिर सरकार जब चाहे उसकी जांच कर सकती है और उस पर कर चोरी को रोक सकती है एवं कर वसूल कर सकती है।

जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए बने मंत्रिमंडलीय समूह ने 1 अप्रेल 2018 से ईवे बिल को अंतरराज्यीय माल परिवहन के लिए लागू करने की सिफारिश की है। 

What is E-way Bill in Hindi? ई वे बिल क्या है?

जब कभी भी एक ट्रांसपोर्टर किसी भी माल को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाए तो उसे एक प्रपत्र अपने साथ रखना पड़ेगा। यह प्रपत्र ही ई वे बिल है।

यानी ई वे बिल एक ऐसा प्रपत्र है जो माल को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने के लिए अनिवार्य है। यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य है कि ई वे बिल की जरूरत तब पड़ेगी जब माल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाएगा।

अगर माल एक राज्य के अंदर ही एक जगह से दूसरी जगह पर जाए तो ई वे बिल की कोई आवश्यकता नहीं है। यहाँ ये भी ध्यान रखें कि माल चाहे सड़क परिवहन से जाए चाहे रेल या चाहे जल परिवहन से, हर स्थिति में ई वे बिल तो बनाना ही होगा।

Why is e-way bill being implemented? ई वे बिल क्यूँ लाया गया

सरकार ने ई वे बिल के माध्यम से लेनदेन की पूरी व्यवस्था पर अपनी पकड़ बना ली है। आप इसे इस तरह समझिये। मान लीजिये आप राजस्थान में एक व्यापारी है और आपने कोई माल राजस्थान से गुजरात में बेचा।

यह माल एक राज्य से दूसरे राज्य में बेचा गया है, इसलिए इस पर ई वे बिल लगेगा। अगर आप बिना ई वे बिल के माल भेजते हैं तो बार्डर सीमा पर माल रोक लिया जाएगा।

अगर आप ई वे बिल के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं और ई वे बिल बनाकर ट्रांसपोर्टर को दे देते हैं जो माल के साथ इसे रख लेता है और माल को गुजरात में ले जाता है।

अब अंतरराज्यीय सीमा पर गाड़ी को नहीं रोका जाएगा और माल आसानी से गुजरात पहुँच जाएगा। लेकिन यह ध्यान देना जरूरी है कि अब सरकार के पास आपके इस लेनदेन की जानकारी आ गयी है जो आपने स्वयं सरकार को दी है।

यह जानकारी सीधे आपके मासिक रिटर्न के साथ जुड़ जाएगी और आपने अगर इस लेनदेन पर कर जमा नहीं करवाया है तो सरकार को पता चल जाएगा। मतलब यह हुआ कि इस लेनदेन पर जो भी कर बनेगा आपको सरकार के पास जमा करना होगा।

यहाँ यह बात गौर करने वाली है कि यह पूरी व्यवस्था ऑनलाइन है और आप स्वयं जानकारी सरकार को ऑनलाइन माध्यम से दे रहे हैं।  

When is E-Way Bill required? ई-वे बिल कब जरूरी है

जब हमने इतना कुछ जान ही लिया है तो हम यह भी जान लें कि ई वे बिल कब चाहिए होगा। इस मामले में सरकार ने अभी तक कुछ राहत दे रखी है पर वह राहत भी नगण्य ही है।

सरकार के अनुसार निम्न स्थितियों में ई वे बिल चाहिए होगा:

जब माल एक राज्य से दूसरे राज्य में जाए (यहाँ ये ध्यान रहे कि माल की बिक्री हो यह अनिवार्य नहीं है, माल अगर किसी भी अन्य कारण से भी एक राज्य से दूसरे राज्य में जाता है तो भी ई वे बिल आवश्यक है।) 

माल की कुल कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा हो।

जिन वस्तुओ पर ई वे बिल लागू होगा उनकी जानकारी समय-समय पर जीएसटी काउंसिल GST Council द्वारा नोटिफ़िकेशन notification जारी करके दी जाएगी। हालांकि ऐसा लगता है कि कुछ ही समय में ई वे बिल सभी वस्तुओं के लिए लागू हो जाएगा।

यानि अगर गौर से देखें तो करीब-करीब हर लेनदेन ही ई वे बिल के दायरे में आ गया है।

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How to generate e-way bill in Hindi ई वे बिल कैसे बनाएं?

अब मुख्य बात आती है कि ई वे बिल कैसे बनाएं और कौन इसे बना सकता है। हर लेनदेन में तीन पक्ष शामिल होते हैं। माल को बेचने वाला व्यापारी, माल को खरीदने वाला व्यापारी या ग्राहक, माल को लाने एवं ले जाना वाला ट्रांसपोर्टर। इस ई वे बिल व्यवस्था में इनमें से कोई भी पक्ष ई वे बिल बना सकता है। यानि एक लेनदेन के लिए खरीददार, विक्रेता या ट्रांसपोर्टर, कोई भी ई वे बिल बना सकता है। अब आप कहेंगे कि सरकार बाकी दो पक्षो का पता कैसे लगाएगी। तो आप जान लें कि ई वे बिल बनाते समय तीनों पक्षों की जानकारी ई वे बिल में देनी होगी। यानि जीएसटी नंबर एवं गाड़ी संख्या ई वे बिल का अनिवार्य हिस्सा होगी।
ई वे बिल बनाने की पूरी प्रक्रिया एकदम सरल शब्दों में नीचे दी जा रही है:

E-waybill registration ईवे बिल रजिस्ट्रेशन

1. सर्वप्रथम सरकार द्वारा निर्धारित एक वेबसाइट खोलनी होगी। वेबसाइट का एड्रेस पता http://gst.kar.nic.in/ewaybill है। खुलते ही वेबसाइट कुछ इस तरह दिखेगी-
2.इसमें आपको आपका लॉग-इन बनाना होगा जो बेहद ही सरल प्रक्रिया है। आपको e-way Bill Registration पर क्लिक करना होगा। यहां पर आपसे आपका जीएसटी नंबर पूछा जाएगा जो डालने के बाद आपको यूजर आईडी एवं पासवर्ड बनाने के लिए पूछा जाएगा। आप अपनी सहूलियत के अनुसार कोई भी पासवर्ड रख सकते हैं।

eway bill login  ई वे बिल लॉग इन

3. जैसे ही आप अपना ये यूजर आईडी एवं पासवर्ड डालकर वेबसाइट पर डालकर वेबसाइट पर लॉग इन करते हैं, आपको कुछ इस तरह की स्क्रीन नजर आएगी –

Generate eway bill ई वे बिल बनाना

4. अब चूंकि आप इस वेबसाइट पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं, आप ई वे बिल बना सकते हैं। इसके लिए आपको बाईं तरफ प्रथम ऑप्शन e-waybill पर क्लिक करना होगा। यहाँ क्लिक करने पर 3-4 और ऑप्शन खुलेंगे जिनमें से आपको generate new पर क्लिक करना होगा।

ई वे बिल फॉरमेट E-way bill format

5. generate new पर क्लिक करते ही वैबसाइट आपको एक पेज पर ले जाएगी जहां आपको खरीददार एवं विक्रेता के जानकारी, गाड़ी संख्या, माल का संक्षिप्त विवरण, बिल संख्या वगैरह पूछा जाएगा। ये जानकारी देने के बाद जैसे ही आप submit ऑप्शन पर क्लिक करते हैं, आपका ई वे बिल बन जाएगा।

ई वे बिल बनाते समय ध्यान रखने लायक जरूरी बातें

ई वे बिल बनाना बेहद आसान है हालांकि इसे बनाते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि-

1.ई वे बिल में जीएसटी नंबर एकदम सही डाला जाना चाहिए।

2.ई वे बिल में ट्रांसपोर्टर की जानकारी सही जानी चाहिए।

3.बिल नंबर, बिल की रकम, बिल पर लगे कर की जानकारी एकदम सही भरनी चाहिए।

4.यह देख लें कि माल 50,000 रुपये से ज्यादा का हो और एक राज्य से दूसरे राज्य में जा रहा हो।

5.Submit ऑप्शन क्लिक करने से पहले एक बार पूरी जानकारी फिर से चेक कर लें।

Validity of e-way bill ई वे बिल की वैधता कितनी है

ऐसा नहीं है कि एक बार अगर ई वे बिल बना दिया है तो इसे अब कभी भी उपयोग में लिया जा सकता है । सरकार ने इस संबंध में कुछ नियम बनाए हैं जिनपर ध्यान देना बेहद जरूरी है। 100 किलोमीटर की दूरी वाली जगह के लिए यह बिल एक दिन तक काम में लिया जा सकता है और इसके बाद हर 100 किलोमीटर के लिए एक दिन और मिलेगा।

Important facts regarding e way bill ई वे बिल के सबंध में कुछ अन्य तथ्य

ई वे बिल में बदलाव नहीं किया जा सकता यानि अगर एक बार ई वे बिल बन गया है तो इसे परिवर्तित नहीं किया जा सकेगा। हालांकि इससे रद्द किया जा सकत है और नया संशोधित ई वे बिल बनाया जा सकता है। यह पूरी व्यवस्था otp ( वन टाइम पासवर्ड ) पर आधारित होगी यानि कई मुख्य कार्यों के लिए जीएसटी पर रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर otp ( वन टाइम पासवर्ड ) आएगा जिसे वेबसाइट पर डालना होगा। आपके व्यापार के विभिन्न स्थान जो आपने जीएसटी के अंतर्गत रजिस्टर्ड करवाए हैं वो यहाँ दिखेंगे।

ये व्यवस्था जीएसटी नंबर पर आधारित है। अतः पूरे भारत में एक ही वेबसाइट द्वारा नियंत्रित होगी एवं पूरे भारत में कोई भी व्यापारी इसका उपयोग कर पाएगा। उसे हर राज्य के लिया अलग अलग यूजर आईडी नहीं बनाना होगा। जहाँ तक रिटर्न की बात है, अभी तक इसका कोई भी रिटर्न नहीं आया है। एक और महत्वपूर्ण तथ्य है कि अगर किसी भी कारण से जिस गाड़ी में माल जा रहा है उसे बदला जाता है तो नया ई वे बिल बनाना होगा।

Facilities on E way bill website ईवे बिल वेबसाइट पर दी गयी सुविधाएं

1. आप एक जीएसटी नंबर के लिए एक से ज्यादा आईडी बना सकते हैं। इसके लिए आपको जैसा अभी समझाया है, पहले एक मुख्य आईडी बनाना होगा। बाद में इसी मुख्य आईडी से आप दूसरी आईडी
बना सकते हैं।
2. वेबसाइट से आप लॉगिन करके विभिन्न तरीके की रिपोर्ट निकाल सकते हैं। जैसे कि अब तक आपने कितने ई वे बिल बनाये हैं। अब क आपने किन पक्षों के साथ लेनदेन किया हैं। कितनी रकम तक के ई वे बिल आपने बनाए हैं आदि।

ई वे बिल का भविष्य

अगर मुझे पूछा जाए तो ऐसा लगता है कि अभी सरकार एकदम सरल तरीके से ई वे बिल को लागू कर रही है। हालांकि सरकार की मंशा धीरे-धीरे इसे और ज्यादा सुदृढ़ बनाने की है। सरकार ई वे बिल इस तरह से विकसित कर रही है कि ये मोबाइल के माध्यम से भी बन सकेंगे।

एसएमएस की सुविधा का भी जल्द ही आगाज हो जाएगा। ऐसा लगता है कि आने वाले भविष्य में ई वे बिल बार कोडिंग के साथ आएंगे, जिससे गाड़ी को चेक पोस्ट पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी।

बार कोड रीडर स्वतः ही इसे जांच लेगा और गाड़ी को बिना रोके ही यह जान लेगा कि इस लेन-देन के लिए ई वे बिल बना है या नहीं। भविष्य में ई वे बिल राज्य के अंदर के लेन-देनों के लिए भी लागू किया जा सकता है। अगर ये व्यवस्था पूरी तरह सफल हो जाती है तो इससे सरकार का राजस्व निश्चित ही तेज गति से बढ़ेगा।

(लेखक प्रदीप बंसल चार्टर्ड एकाउंटेट हैं और जीएसटी मामलों के विशेषज्ञ हैं।)
hindihaat:

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