Table of Contents
बूंदी उत्सव (Bundi Utsav)— विविध रंगों वाला उत्सव
बूंदी हाड़ौती संभाग का प्रमुख जिला है जो अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक इमारतों की वजह से पूरी दुनिया में जाना जाता है. बूंदी के पास समृद्ध इतिहास है जो वीरगाथाओं और युद्धों से परिपूर्ण हैं.
बूंदी का किला अनेक युद्धों का गवाह रहा है और कई महान रण इस भूमि पर लड़े गए. अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ बूंदी अपने सुंदर पहाड़ो और हरे—भरे भूभाग से सबका मन मोह लेता है. यहां आने वाले पर्यटकों को इन सबके के अलावा आकर्षित करने वाला प्रमुख है-बूंदी उत्सव.
बूंदी का सांस्कृतिक उत्सव है बून्दी उत्सव (Bundi Utsav)
बूंदी की संस्कृति का उत्सव मनाने के लिए बूंदी जिला प्रशासन हर साल नवम्बर माह में बूंदी उत्सव का आयोजन करता है. इस उत्सव में बूंदी की परम्परागत कलाओं, राजस्थान के राजसी वैभव, हस्तकला, खूबसूरत कलाकृतियां और बेहतरीन होम डेकोर के शौकीनो के लिए बून्दी उत्सव एकदम मूफीद जगह है.
इस उत्सव में स्थानीय कलाकार अपनी बेहतरीन कलाकृतियों को प्रदर्शित करते हैं और कला प्रेमी उचित दाम पर इन वस्तुओं को अपने ड्राइंग रूम की शोभा बना सकते हैं. पर्यटको के लिए बून्दी उत्सव एक बहुत बड़ा आकर्षण है और इस उत्सव के समय बूंदी आने वाले पर्यटकों की संख्या खासी बढ़ जाती है इसलिए अगर आप इस उत्सव का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो होटल में एडवांस बुकिंग करवा लेना समझदारी भरा फैसला होगा.
बून्दी उत्सव (Bundi Utsav) का विशेष आकर्षण
राजस्थान सरकार का पर्यटन विभाग इस उत्सव का आयोजन करता है और जिला प्रशासन इस उत्सव की व्यवस्था के लिए दिन—रात एक कर देता है. पर्यटन विभाग इस बात की पूरी व्यवस्था करता है कि यहां आने वाले पर्यटकों को उत्सव के दौरान बूंदी की कला और संस्कृति के हरेक पहलू से रूबरू होने का मौका मिले.
इस उत्सव में एक शोभा यात्रा निकाली जाती है, परम्परागत खेलों का आयोजन किया जाता है. सांस्कृतिक नृत्य और संगीत के कार्यक्रम रखे जाते हैं, पारम्परिक पोशाकों का प्रदर्शन किया जाता है और रात्रि कार्यक्रमों में शानदार आतिशबाजी की जाती है.