Table of Contents
राजस्थान का पुष्कर मेला 2019
पुष्कर मेला Pushkar Fair विश्व प्रसिद्ध है और इस साल 2019 में 4 नवंबर से 12 नवंबर के बीच आयोजित होगा, इस मेले को ऊंट मेला Camel Fest के नाम से भी देश दुनिया में जाना जाता है.
अक्टूबर और नवंबर के बीच कार्तिक माह में आयोजित होने वाले इस वार्षिक ऊंट और पशु मेले में देश विदेश से बड़ी संख्या में टूरिस्ट आते हैं. यह मेला दुनिया के सबसे बड़े पशु मेले World’s Largest cattle fair में से एक होने के कारण भी प्रसिद्ध है.
मेले के दौरान पशु प्रदर्शनियों Cattle Exhibition, विभिन प्रतियोगिताओं और आकर्षक व पारम्परिक खेलों attractive games के अलावा पशुओं के करतब मन मोहक होते हैं. मेले में पशुधन की खरीद और बिक्री के अलावा, Religious city होने का कारण यह मेला पर्यटको tourist के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.
विभिन प्रतियोगिताएं जैसे मटका फ़ोड, सबसे लंबी मूंछे, ‘दुल्हन प्रतियोगिता, ऊंट की सजावट प्रतियोगिता इस मेले के मुख्य आकर्षण हैं जो हजारों पर्यटकों और फोटोग्राफर्स को आकर्षित करते है. पुष्कर मेला रेत sand के विशाल मैदान में लगाया जाता है इसे मेला ग्राउंड के नाम से भी जाना जाता है मेले में ऊंट Camel ,घोड़े Horse और विभिन जानवरो की खरीद फरोख्त भी होती है.
मेले के दौरान विभिन चीजों की दुकानें, खाने-पीने के स्टाल, सर्कस, झूले ,पुष्कर के मंदिर ,घाटे और विशाल पशु मेले आकर्षण का केन्द्र होता है.
हॉट एयर बलूनिंग, hot air balloon
फोटोग्राफी Photography के लिये बेस्ट है पुष्कर मेला
फोटोग्राफर्स के फोटो कलेक्शन के लिहाज से भी ये मेला बहुत अचछा है ऊंट के साथ सूर्य उदय, सूर्य अस्त और रेत नुमा समुन्दर के बिच में चलते हुए ऊंट के फोटो बहुत सूंदर आते है साथ ही पशुपालक की लाइफ स्टाइल और मेले का फोटो कवरेज सुंदरता से किया जा सकता है.
अल सुबह रेत के धोरे के बीच से आते ऊंटो के फोटो लिए जा सकते है ,लेकिन अधिक रेत होने के कारण फोटोग्राफर्स को अपने DSLR कैमरा लेन्स बार-बार नहीं बदलने चाहिए इससे कैमरा की CCD ख़राब होने का डर बना रहता है.
इस लिए या तो दो कैमरा बॉडी काम में ले या फिर कोशिश करें कि लैंस बार बार ना बदलना पड़े. यदि आप मोबाइल से फोटोग्राफी कर रहे हैं तो फोटो अच्छी लेने के लिये हिंदी हाट का यह लेख भी पढ़ें- मोबाइल फोन से अच्छी फोटो कैसे लें
पुष्कर तक कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग द्वारा
ट्रेन द्वारा
सड़क मार्ग से
पुष्कर राजस्थान के राष्ट्रीय राजमार्ग सख्या 8 से जुड़ा हुआ है. जयपुर, जोधपुर और अजमेर बस स्टैंड से और राज्य के अन्य शहरों से पुष्कर की नियमित बसें चलती हैं.
साथ ही अपने निजी वाहन और मोटरसाइकिल से भी आसानी से पंहुचा जा सकता है. जयपुर से यदि आप पुष्कर जा रहे है तो अजमेर से पहले ही पुष्कर पहुंचने का एक रास्ता जाता है वहा से टर्न ले कर पुष्कर पहुंच सकते है साथ ही अजमेर से भी एक रास्ता पुष्कर के लिये जाता है.
पुष्कर झील
हिंदू ग्रंथों के अनुसार, पवित्र पुष्कर झील को ‘तीर्थ राज’ के रूप में वर्णित किया गया है, सभी तीर्थ स्थलों का राजा पवित्र पुष्कर झील में डुबकी के बिना कोई भी तीर्थयात्रा पूरी नहीं हुई है. पुष्कर झील 52 घाटों और 400 से अधिक मंदिरों कहते है. भगवान ब्रह्मा,ने यहाँ पर फूल छोड़ा था इस लिये इस शहर का नाम पुष्कर पड़ा. पुष्कर शहर पूरी दुनिया में भगवान ब्रह्मा के एकमात्र मंदिर होने के कारण भी मशूहर है .
हिंदू शास्त्रों के पांच पवित्र शहरों में से एक पुष्कर नगरी राजस्थान के अजमेर से लगभग 15 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित, पुष्कर विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है. मेले के अलावा भी यहाँ सालभर पर्यटक आते जाते रहते है तीन तरफ से पहाड़ी से घिरा हुआ और मध्य में पुष्कर झील के साथ ही पुष्कर के गुलाब सारी दुनिया भर में निर्यात किये जाते है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, 330 देवी-देवताएं पुष्कर झील पर पूर्णिमा की रात को झील के लिए पवित्र करने के लिए एकत्रित हुए थे . इस लिए इस झील को पवित्र माना जाता है. ऐसी मानयता है की पुष्कर झील के नहाने और फिर ब्रह्मा मंदिर में दर्शन करने से सारे पाप धुल जाते है कुछ लोगो का मन है की इस झील के पानी में नहाने से शरीर के रोग मिट जाते है .
पुष्कर मेले के आलावा पुष्कर झील 52 घाटों और 400 से अधिक मंदिर होने के कारण भी पुष्कर धार्मिक नगरी है मेले में घूमने के साथ ही पुष्कर में इन जगहों पे जाये.
ब्रह्मा मंदिर
गुरुद्वारा सिंह सभा
वराह मंदिर
सावित्री मंदिर
रंगजी मंदिर
पाप मोचिनी मंदिर
श्री पंचकुंद शिव मंदिर
मुख्य महल (होटल सरोवर)
आत्मत्श्वर मंदिर
पुष्कर के मालपुए हैं प्रसिद्ध
इज़राइली पर्यटकों की खास पसंद है पुष्कर मेला
यह भी पढें:
करवाचौथ का त्यौहार और पूजा विधि
1 Comment
Add Yours →Very nice post thanks sir