आभासी दुनिया को वास्तविक बनाता गूगल डे ड्रीम
गूगल डे ड्रीम ने एक बार फिर लोगों में उम्मीद जगा दिया है. इस साल गूगल Google की डेवलपर काॅंफ्रेंस Developer Conference में जैसी उम्मीद की जा रही थी, वैसा ही कुछ सामने भी आया. गूगल अपनी नई तकनीक, जिसे वर्चुअल रियलिटी Virtual Reality (VR) की दुनिया में एक बड़ा शिफ्ट माना जा रहा है, पहली बार लोगों के सामने लेकर आया.
इस इवेंट में गूगल ने एंड्रॉइड ओ Android O, एंड्रॉइड गो Android GO और स्मार्ट रिप्लाई Smart Reply जैसे फीचर्स के साथ ही गूगल वीआर Google VR और एआर Google AR को अनकवर किया.
गूगल की इस नई वर्चुअल रियलिटी से आप न सिर्फ इस दुनिया को देख सकेंगे बल्कि इसे महसूस भी करेंगे क्योंकि यह नई तकनीक वर्चुअल दुनिया और वास्तविक दुनिया के बीच एक संपर्क स्थापित करेगा और दोनों के बीच फर्क करने की आपकी शक्ति को सीमित कर देगा.
दरअसल यह दोनों दुनिया को जोड़ कर एक बनाने की कोशिश है जो थ्रीडी से आगे चारों डायमेंशन 4D पर काम करेगा. इस तकनीक में वर्चुअल रियलिटी को आग्मेंटेड रियलिटी Augmented Reality के साथ जोड़ा गया है जो आपको वास्तविक दुनिया को कम्प्यूटिंग के साथ कनेक्ट कर वातावरण की जानकारी को डिजिटली बदल देगा और आप इंटरेक्ट कर पाएंगे.
इसे गूगल के वीआर प्लेटफाॅर्म VR Platform डेड्रीम Daydream का विस्तार माना जा सकता है जिसे इस कंपनी ने पिछले साल अपने बेहतरीन फोन पिक्सल Google Pixel के साथ इंट्रोड्यूस किया था. इस फीचर को बहुत पसंद किया गया और अब बाजार में ढेरों डेड्रीम फीचर Daydream Feature वाले फोन मौजूद है.
गूगल ने अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए इस डेड्रीम फीचर वाला हेडसेट विकसित किया है जिसे वीआर हैडसेट VR Headset का नाम दिया गया है और यह बिना किसी फोन और पीसी के स्वतंत्र रूप से काम करता है. उम्मीद जताई जा रही है कि यह डेड्रीम डिवाइस Daydream Device आने वाले समय में खासकर शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी क्रांति लेकर आएगा और वर्चुअल क्लास Virtual Class जैसे काॅन्सेप्ट को बहुत बढ़ावा मिलेगा.
गूगल कार्ड बोर्ड का विस्तार है गूगल डे ड्रीम
लगभग दो साल पहले गूगल कार्डबोर्ड लेकर आया था जो वर्चुअल रियलिटी का एक सस्ता माध्यम था और महज 300 रूपये खर्च करके इस गैजेट का लुत्फ उठाया जा सकता है. यह गैजेट बहुत लोकप्रिय हुआ लेकिन अपने सीमित फीचर्स और इस्तेमाल के दौरान आने वाली परेशानियों के वजह से लोग इससे दूर हो गए हालांकि बच्चों में यह अभी भी बहुत लोकप्रिय है.
डेड्रीम इसी का विस्तार है जो फिलहाल बहुत महंगा है. यह बात इसी से समझ में आती है कि डेड्रीम फीचर सिर्फ हाई एंड मोबाइल्स में ही उपलब्ध है. यह गूगल पिक्सल के अलावा सैमसंग के गैलेक्सी एस 8 और एस 8 प्लस में आता है जो काफी महंगे है. जल्दी ही जेनफोन डेड्रीम के साथ लांच होने जा रहा है.
गूगल वर्चुअल रियलिटी वाला हेडसेट फिलहाल महंगा शौक है और यूरोप में रिलिज होने के बाद इसकी कीमत 70 से 80 पौंड के बीच में है. भारत में अभी इस डिवाइस को लेकर बहुत उत्साह बना हुआ है लेकिन गूगल को सेमसंग के गियर वीआर की परफाॅरमेंस नहीं भूलनी चाहिए जिसे इस उपमहाद्वीप में कोई खास रेस्पांस नहीं मिला था.
तमाम बातों को एक तरफ रखते हुए यह बात सभी विशेषज्ञ स्वीकार कर रहे हैं कि इस नये डिवाइस के आने के बाद वर्चुअल रियलिटी की दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी और संभव है कि आने वाले समय में आपको फिल्में भी वर्चुअल रियलिटी मोड पर देखने का मजा मिले तो तब तक इंतजार कीजिए जब तक एवेंजर्स आपको अपने रोमांच में शामिल करने के लिए तैयार नहीं हो जाते.
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