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आबू पर्वत का धार्मिक महत्व
पर्वतराज के नाम से जाना जाने वाला राजस्थान का यह एक मात्र हिल स्टेशन (hill station) अर्बुदांचल, अरावली की सर्वोच्च पहाड़ियों पर बसा है। यह राजस्थान की सबसे ऊंची पर्वत चोटी गुरू शिखर के साथ-साथ जैन और हिन्दु धर्म के प्रसिद्ध मंदिरों के लिए जाना जाता है। यहां महर्षि वशिष्ठ के प्राचीन आश्रम से लेकर देलवाड़ा (दिलवाड़ा) के विश्व प्रसिद्ध जैन मंदिर स्थित हैं। गुजरात और राजस्थान की सीमा पर बसे गरासिया और अन्य आदिवासियों के लोक देवी-देवताओं सहित उनकी मान्यता के भी कई मंदिर माउंट आबू में तथा इसके आस—पास स्थित हैं।
माउंट आबू यूं तो पूरे साल पर्यटकों की रौनक से भरा रहता है। पर यह कस्बा बारिश के मौसम और अक्टूबर से दिसम्बर के महीने में टूरिज्म का एक कम्पलीट पैकेज बन जाता है। झीलों, झरनों, मंदिरों, वन क्षेत्रों के मनोहारी दृश्यों के साथ-साथ करोड़ों साल की यात्रा की गवाह चट्टानें अलग-अलग रूपों और आकृतियों में माउंट आबू की उम्र बयां करती हैं। सिरोही जिले के इस कस्बे की ऊंचाई समुद्र तल से 1220 मीटर है। शिमला की तरह कभी अंग्रेजों के प्रवास के खास हिल स्टेशन रहे माउंट आबू में आज भी देश-विदेश से पर्यटक साल भर आते रहते हैं।
माउंट आबू में कहां ठहरें
Best Places to Stay in Mt. Abu
माउंट आबू शांत और सुरम्य स्थान है, अच्छी बात यह है कि यहां ठहरने के लिए अच्छे Resort, Hotels और Homestay की कोई कमी नहीं है। झील के किनारे स्थित होटल में ठहरने का अलग ही आनंद है।
माउंट आबू के प्रमुख दर्शनीय स्थल
गौमुख : भगवान राम के गुरु का आश्रम
Gaumukh : The Hermitage of Lord Rama’s Guru
गुरू शिखर : अरावली की सबसे ऊंची चोटी
Guru Shikhar: highest peak of Arawali
नक्की झील : विश्वामित्र ने नाखूनों से खोदी झील
Nakki Lake : Creation of Vishwamitra
राजस्थान की सबसे ऊंची मीठे पानी की यह झील यहां आने वाले पयर्टकों की सबसे पसंदीदा जगह है। कहा जाता है कि मुनि विश्वामित्र ने इस झील को अपने नाखूनों से खोद कर बनाया था। दिन का समय बिताने के लिए झील के किनारे एक सुंदर गार्डन और भारत माता का मंदिर है तो शाम को यहां बोटिंग का लुत्फ उठाया जा सकता है। यहां आने वाले पर्यटक नक्की रोड पर आर्टिफिशियल ज्वैलरी सहित कई प्रकार की शॉपिंग करते हैं। यहां की आइसक्रीम पर्यटकों को काफी पसंद आती हैं।
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देलवाड़ा : 550 साल तक बने जैन मंदिर
Delwara : Jain Temples made in 550 years
आबू कस्बे से 2 किलोमीटर दूर ही जैन तीर्थंकरों के यह प्राचीन मंदिर प्रमुखतः 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच कई चरणों में बने। यहां पांच अलग-अलग मंदिर महावीर स्वामी मंदिर, विमल वसाही का आदिनाथजी मंदिर, करतार (खरतार) वसाही पार्श्वनाथजी मंदिर, भीमा शाह का ऋषभदेवजी पीतलहार मंदिर और तेजपाल-वस्तुपाल का नेमीनाथजी लूना वसाही मंदिर हैं। संगमरमर से बने यह मंदिर शिल्पकारी, नक्काशी, चित्रकारी और वास्तुकला के बेजोड़ नमूने हैं। पच्चीकारी वाली छतें इन मंदिरों की खासियत हैं। मंदिर प्रमुखतः 1231 ईस्वी में तेजपाल और वास्तुपाल नाम के दो भाइयों ने बनवाया था। वैसे देलवाड़ा के इन मंदिरों का निर्माण 1031 से 1582 तक चला।
अधरदेवी मंदिर : ताण्डव के दौरान यहां गिरे थे शक्ति के अधर
Adhardevi Temple : A Shaktipeeth
अचलेश्वर : यहां होती है शिव के अंगूठे की पूजा
Achleshwar : Shiva’s Thumb is Worshiped here
आबू से 10 किलोमीटर उत्तर की ओर यह मंदिर परमार और चौहान वंश के राजपूतों के इष्ट अचलेश्वर महादेव का है। यह मंदिर प्राचीन अचलगढ़ किले के पास है। कहते हैं यहां खण्डहर हो चुके पहाड़ी किले का 900 ईस्वी के आस-पास परमार शासकों ने निर्माण करवाया था जिसे बाद में महाराणा कुम्भा ने नया रूप दिया। यहां मौजूद अचलेश्वर महादेव मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां महादेव शिव के दाहिने अंगूठे की पूजा होती है। मान्यता है कि इसी अंगूठे पर पूरा अर्बुदांचल टिका हुआ है।
ट्रेवर्स टैंक : मगरमच्छों का तालाब
Travor’s Tank : Pond of Crocodiles
मा. आबू वाल्डलाइफ सेन्चुरी : भालुओं की जन्नत
Mt. Abu Wildlife Sanctuary : Paradise of Slothbears
हनीमून और सनसेट पॉइंट: रोमांस की चट्टानें
Honeymoon and Sunset Point: Rocks of Romance
ये दोनों स्पॉट हनीमून कपल्स के लिए बेहद रोमांचक स्पॉट हैं। यहां बैठकर सनसेट होते देखना हर कोई पसंद करेगा। यहां ऊंची पहाड़ियों से पश्चिम में जब सूरज डूबने वाला होता है तो निचले मैदानों में बहती एक छोटी सी नदी चांदी के एक तार की भांति चमक उठती है। डूबते सूरज की लालिमा में यहां से अनादरा गांव को निहार कर भी माउंट आबू की यादें सदा के लिए मन में समेटी जा सकती हैं।
माउंट आबू कैसे पहुंचें : How to Reach Mt. Abu
By Air: माउंट आबू दक्षिण राजस्थान के उदयपुर एयरपोर्ट से 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां से आबू बस या टैक्सी से पहुंचा
जा सकता है।
किलोमीटर, जयपुर से 495
किलोमीटर और दिल्ली से 765 किलोमीटर है।
By Train: माउंट आबू का नजदीकतम रेलवे स्टेशन आबूरोड़ मात्र 28 किलोमीटर है जो दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद जैसे सभी बड़े
स्टेशनों से जुड़ा है।
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