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जिबूती सैन्य बेस के बारे में जानकारी
जिबूती Djibouti अफ्रीका का एक छोटा सा देश है, जो इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि यहां चीन ने अपना First overseas military base पहला विदेशी सैन्य अड्डा स्थापित किया है. यह बेस जिबूती के उत्तरी तट पर छोटे से पोर्ट सिटी ओबोक Port City Obock में बनाया गया है.
चीन ने पिछले साल जिबूती में इस बेस का निर्माण शुरू किया था, तब चीन आधिकारिक रूप से इसे नेवल बेस मानने से इनकार कर रहा था. उसका कहना था कि यह logistics base लॉजिस्टिक्स बेस है. जिबूती में सैन्य बेस बनाने को चीन के विश्व में सैन्य पदचिह्न बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
What is Horn of Africa हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्या है
जिबूती Horn of Africa अफ्रीका के सींग में स्थित देशों में से एक है. Djibouti जिबूती के अलावा Eritrea, Ethiopia, and Somalia इरीट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया अफ्रीका के सींग में स्थित अन्य देश हैं.
जिबूती का कुल क्षेत्रफल 23,200 वर्ग किमी है और यहां की जनसंख्या करीब 8,50,000 है. हिन्द महासागर के उत्तर-पश्चिम किनारे पर स्थित होने के कारण Djibouti जिबूती की भौगोलिक स्थिति रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.
यहां अमेरिका ने वर्ष 2002 से कैम्प लैमननेर नाम से सैन्य बेस बनाया हुआ है. यहां जापान, स्पेन, इटली और फ्रांस के सैन्य बेस भी हैं. सऊदी अरब भी यहां सैन्य बेस स्थापित कर रहा है.
लाल सागर के दक्षिणी प्रवेश द्वार पर पर स्थित होना जिबूती की स्थिति को महत्वपूर्ण बनाता है, क्योंकि यह Suez Canal स्वेज नहर का मार्ग भी है.
माना जाता है कि विश्व का दस प्रतिशत तेल का निर्यात और सालाना 20 प्रतिशत वाणिज्यिक निर्यात इन्हीं नहरों के रास्ते होता है. चीन यूरोप को प्रतिदिन करीब एक अरब डॉलर मूल्य का निर्यात करता है. इसमें ज्यादातर निर्यात अदन की खाड़ी और स्वेज नहर के रास्ते होता है.
String of Pearls in Hindi चीन के मोतियों की माला
यह सैन्य बेस चीन के स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स string of pearls और वन बेल्ट वन रोड इनिशिएटिव one belt one road initiative को आगे बढ़ाएगा.
मोतियों की माला यानी string of pearls शब्दावली चीन से सूडान तक naval ports का नेटवर्क तैयार करने की चीन की योजना के लिए प्रयुक्त किया जाती है. इसका उद्देश्य चीन से अफ्रीका तक आवागमन, वाणिज्य एवं संचार के मार्ग को सुरक्षित करना है.
About OROB in Hindi वन बेल्ट वन रोड परियोजना
Threat to India भारत की चिंता
बांग्लादेश, म्यांमार एवं श्रीलंका के साथ चीन के सैन्य गठजोड़ के बाद जिबूती में विदेशी सैन्य अड्डे को भारत के चारों तरफ घेरा तैयार करने की चीन की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है.
हालांकि चीन का कहना है कि इससे चीन के अफ्रीका और पश्चिम एशिया में मानवतावादी सहायता कार्यों में मदद मिलेगी. यह बेस सैन्य सहयोग, संयुक्त अभ्यास, इवेकुएशन, विदेशों में चीनी समुदाय की सुरक्षा और आपातकालीन राहत एवं बचाव कार्यों के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा.
साथ ही, इसे अंतरराष्ट्रीय समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए भी प्रयुक्त किया जा सकेगा.
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